भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बाकी क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए आज शुक्रवार को 15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता करेंगे। हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक भारत-चीन के सैन्य कमांडरों की इस बैठक में भारतीय सैन्य और राजनयिक प्रतिष्ठान को सकारात्मक परिणाम की उम्मीद कम है।
अब तक की बातचीत के परिणामस्वरूप पैगोंग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारे, गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के मुद्दों का समाधान हुआ है। इससे पहले इस साल 12 जनवरी को हुई बातचीत के 14वें दौर में कोई नई सफलता नहीं मिली।
सूत्रों के अनुसार, शेष क्षेत्रों में 22 महीने से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्ष शुक्रवार को लद्दाख में चुशुल मोल्दो में अगले दौर की बैठक करेंगे। उन्होंने उल्लेख किया कि पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए दोनों पक्षों द्वारा हाल के बयान उत्साहजनक और सकारात्मक प्रकृति के हैं।
चीन ने बुधवार को उम्मीद जताई कि भारत के साथ आगामी 15वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के दौरान दोनों पड़ोसी देश एक ‘कदम और आगे’ बढ़ा सकते हैं तथा पूर्वी लद्दाख में शेष विवाद वाले क्षेत्रों पर दोनों पक्ष स्वीकार्य ‘उचित समझौता’ कर सकते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने 11 मार्च को उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के 15वें दौर की पुष्टि करते हुए बुधवार को यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, “बातचीत के अंतिम दौर में, दोनों पक्षों ने सीमा के पश्चिमी क्षेत्र पर शेष मुद्दे को हल करने पर विचारों का गहराई से आदान-प्रदान किया था।”
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि आगामी दौर की वार्ता में दोनों पक्ष सीमा मुद्दे पर एक और कदम आगे बढ़ा सकते हैं। हमें उम्मीद है कि हम विवादों का उचित समाधान ढूंढ सकते हैं और एक ऐसे समाधान पर पहुंच सकते हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।”
भारत चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले शेष बिंदुओं जैसे पैट्रोलिंग पॉइंट 15 (हॉट स्प्रिंग्स), देपसांग बुलगे और डेमचोक में तनाव घटाने के बारे में बात कर रहा है। पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी सैन्य साजो सामान की तैनाती कर दी।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि उनके देश और भारत को पिछले कुछ साल में द्विपक्षीय संबंधों में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सीमा संबंधी मतभेदों पर समान स्तर से वार्ता होनी चाहिए ताकि एक निष्पक्ष और उचित हल निकल सके।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को कहा कि हाल के वर्षों में चीन-भारत संबंधों में ‘कुछ झटके’ दोनों देशों के मौलिक हितों में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जटिल सीमा मुद्दे और क्षेत्र पर मतभेद को द्विपक्षीय सहयोग की बड़ी तस्वीर में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।