नई दिल्ली. हुंडई के सोशल मीडिया पोस्ट (Hyundai’s Social Media Post) को लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है. भारत ने दक्षिण कोरिया (South Korea) के राजदूत को तलब कर नाराज़गी जताई है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने इस संबंध में कोरिया सरकार से भी बातचीत की है. इस संबंध में भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी. बागची ने एक बयान में कहा कि हुंडई की पाकिस्तान इकाई की तरफ से तथाकथित कश्मीर एकता दिवस (Kashmir Solidarity Day) पर सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करने को लेकर दक्षिण कोरिया के राजदूत को तलब किया गया. उन्होंने बताया कि दक्षिण कोरिया के राजदूत को हुंडई की पाकिस्तान इकाई की तरफ से साझा की गई अस्वीकार्य सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कड़ी नाखुशी से अवगत कराया गया. इन मुद्दों से उचित तरह से निपटने के लिए हम हुंडई द्वारा पर्याप्त कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला भारत की क्षेत्रीय अखंडता से जुड़ा है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता. बागची ने कहा कि तथाकथित कश्मीर एकजुटता दिवस पर हुंडई पाकिस्तान की सोशल मीडिया पोस्ट पर रविवार, 6 फरवरी 2022 को सियोल में हमारे राजदूत ने हुंडई मुख्यालय से संपर्क किया और स्पष्टीकरण मांगा. बाद में यह आपत्तिजनक पोस्ट हटा दिया गया था.
बागची ने कहा कि कोरिया गणराज्य के राजदूत को विदेश मंत्रालय द्वारा कल 7 फरवरी 2022 को तलब किया गया था. उन्हें हुंडई पाकिस्तान द्वारा अस्वीकार्य सोशल मीडिया पोस्ट पर सरकार की कड़ी नाराजगी से अवगत कराया गया था. उनसे कहा गया कि यह मामला भारत की क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित है जिस पर कोई समझौता नहीं हो सकता है. बागची ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कंपनी इन मुद्दों को ठीक से हल करने के लिए उचित कार्रवाई करेगी.
उन्होंने बताया कि कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री महामहिम चुंग यूई-योंग ने मंगलवार सुबह विदेश मंत्री को फोन किया. दोनों नेताओं ने तमाम मुद्दों पर बातचीत की. साथ ही कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री ने हुंडई की ओर से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर खेद भी जताया.
हुंडई मोटर्स ने बयान जारी कर जताया खेद
बागची ने कहा कि इस संबंध में हुंडई मोटर्स की ओर से भी एक बयान जारी किया गया था जिसमें भारत के लोगों के प्रति गहरा खेद व्यक्त किया गया था और यह स्पष्ट किया गया था कि वह राजनीतिक या धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करता है.
बागची ने कहा कि भारत विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों के निवेश का स्वागत करता है. लेकिन, यह भी उम्मीद की जाती है कि ऐसी कंपनियां या उनके सहयोगी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मामलों पर झूठी और भ्रामक टिप्पणियों से परहेज करेंगे.