सूत्रों ने बताया कि बॉर्डर में जितने चीनी सैनिक उतने ही भारतीय सैनिक भी हैं. जिन फौजों को लद्दाख भेजा गया था उन्होंने वहां के तापमान के मुताबिक खुद को ढाल लिया है.
भारत-चीन सीमा पर तनाव को लेकर भारत और चीनी सेना के मध्य वार्ता चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों की बातचीत हो रही है. इससे पहले दो बार मेजर जनरल स्तर पर और ब्रिगेडियर स्तर पर बातचीत हो चुकी है लेकिन यह बैठक बेनतीजा रही. सीमा पर तनाव को कम करने के लिए सेना के साथ-साथ राजनयिक स्तर पर भी कोशिश चल रही है. सेना के अतिरिक्त जवान भी एलएसी पर तैनात है. भारत और चीन की सेनाओं ने पैदल सेना से लेकर तोप व टैंक तक तैनात किए हुए हैं.
सूत्रों ने बताया कि बॉर्डर पर जितने चीनी सैनिक उतने ही भारतीय सैनिक भी हैं. जिन फौजों को लद्दाख भेजा गया था उन्होंने वहां के तापमान के मुताबिक खुद को ढाल लिया है. अब इन जवानों की तैनाती गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो के फिंगर एरिया में की जा रही है. गलवान घाटी , होस्ट स्प्रिंग एरिया और फिंगर फोर में हालात कंट्रोल में लेकिन पैंगोंग त्सो एरिया में भारी तनाव बरकरार है.
सूत्रों के मुताबिक, बातचीत बेशक जारी लेकिन लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर सैनिकों की भारी भरकम तैनाती की गई. आसमान में लद्दाख में लड़ाकू विमान सुखोई और तेजस ने मोर्चा संभाला है. चीन से लगी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड को पूरी तरह ऑपेरशनल किया गया है. लगातार ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की लैंडिंग और टेक ऑफ हो रहा है.
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने सोमवार को कहा कि चीन असली अथॉरिटेरियन रिजीम यानी सत्तावादी शासन की तरह हरकतें कर रहा है. उन्होंने कहा कि सत्तावादी शासन की तरह कदम उठाते हुए चीन ने अपनी सेना को भारत की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line of Actual Control- LAC) के करीब तक भेज दिया है.